नई दिल्ली. शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानत याचिका रद्द होने के बाद तिहाड़ जेल में रात बिताकर डीएमके सांसद कनिमोझी शनिवार सुबह सीबीआई की अदालत में पेश हुईं।
अदालत ने कनिमोझी पर लगाए गए आरोपों को बेहद संगीन बताते हुए कहा कि स्वान टेलीकॉम को लाइसेंस दिलवाने के षडयंत्र में कनिमोझी भी घोटाले के मुख्य आरोपी ए राजा के साथ शामिल थीं।
आज कोर्ट में कनिमोझी के साथ पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा भी पेश हुए। कनिमोझी की मां और डीएमके के नेता टीआर बालू भी कोर्ट में मौजूद थे।
बेटी को जेल से आकर कोर्ट में पेश होतो हुए देखकर कनिमोझी की मां रजाथी अम्माल पटियाला हाउस कोर्ट में रो पड़ी।
गौरतलब है कि शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कनिमोझी की जमानत याचिका रद्द कर दी थी जिसके बाद उन्हें कल जेल भेज दिया गया था। कनिमोझी को आज फिर अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों पर लगे आरोप की गंभीरता को देखते हुए माना जा सकता है कि गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है। और इसीलिए अदालत को जमानत याचिका निरस्त करने में कोई हिचक नहीं है। ए राजा की पत्नी ने फैसले के बाद जाकर उन्हें संभाला। इसके बाद कनिमोझी ने अदालत से उनका चश्मा, पुस्तकें और दवाएं उपलब्ध कराने का निवेदन किया।
डीएमके को हाल ही में तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को कनिमोझी की जमानत याचिका पर फैसला 20 मई तक के लिए टाल दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सह-आरोपी कलैग्नार टीवी के प्रमुख शरद कुमार की जमानत याचिका पर भी फैसला 20 मई तक टाल दिया था। इससे पूर्व, अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की दलील सुनने के बाद सात मई को कनिमोझी और शरद कुमार की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था।
क्या हैं आरोप
कनिमोझी पर कलैग्नार टीवी के लिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा की मार्फत 200 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। कनिमोझी के टीवी में करीब २० फीसदी शेयर हैं। कनिमोझी २जी स्पेक्ट्रम घोटाले में भी सह-आरोपी हैं। इसके अलावा उन पर ए राजा के साथ मिलकर संदिग्ध कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। कनिमोझी पर संदिग्ध जमीन सौदों में भी बड़े व्यावसायिक घरानों से बड़ी रकम लेने के आरोप हैं।
जेठमलानी ने कहा, हाई कोर्ट में कर सकते हैं अपील
कनिमोझी के वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने फैसला पढ़ा नहीं है। हालांकि उनके बेटे महेश जेठमलानी ने कहा कि उन्हें इस फैसले की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि कनिमोझी को पहले क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया।
बीजेपी ने कहा, बाकी जांच भी अदालत की निगरानी में हों
कनिमोझी को जेल भेजने के बाद बीजेपी ने मांग की है कि कॉमनवेल्थ घोटाले सहित देश में हुए बड़े घोटालों की जांच कोर्ट की निगरानी में होना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब तक सरकार की निगरानी में जांच होगी, दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूजी घोटाले में भी शुंगलू कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कई व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
source:
http://www.bhaskar.com/article/NAT-decision-on-kanimojhi-bail-petition-today-2120037.html?HT1=
अदालत ने कनिमोझी पर लगाए गए आरोपों को बेहद संगीन बताते हुए कहा कि स्वान टेलीकॉम को लाइसेंस दिलवाने के षडयंत्र में कनिमोझी भी घोटाले के मुख्य आरोपी ए राजा के साथ शामिल थीं।
आज कोर्ट में कनिमोझी के साथ पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा भी पेश हुए। कनिमोझी की मां और डीएमके के नेता टीआर बालू भी कोर्ट में मौजूद थे।
बेटी को जेल से आकर कोर्ट में पेश होतो हुए देखकर कनिमोझी की मां रजाथी अम्माल पटियाला हाउस कोर्ट में रो पड़ी।
गौरतलब है कि शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कनिमोझी की जमानत याचिका रद्द कर दी थी जिसके बाद उन्हें कल जेल भेज दिया गया था। कनिमोझी को आज फिर अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों पर लगे आरोप की गंभीरता को देखते हुए माना जा सकता है कि गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है। और इसीलिए अदालत को जमानत याचिका निरस्त करने में कोई हिचक नहीं है। ए राजा की पत्नी ने फैसले के बाद जाकर उन्हें संभाला। इसके बाद कनिमोझी ने अदालत से उनका चश्मा, पुस्तकें और दवाएं उपलब्ध कराने का निवेदन किया।
डीएमके को हाल ही में तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को कनिमोझी की जमानत याचिका पर फैसला 20 मई तक के लिए टाल दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सह-आरोपी कलैग्नार टीवी के प्रमुख शरद कुमार की जमानत याचिका पर भी फैसला 20 मई तक टाल दिया था। इससे पूर्व, अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की दलील सुनने के बाद सात मई को कनिमोझी और शरद कुमार की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था।
क्या हैं आरोप
कनिमोझी पर कलैग्नार टीवी के लिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा की मार्फत 200 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। कनिमोझी के टीवी में करीब २० फीसदी शेयर हैं। कनिमोझी २जी स्पेक्ट्रम घोटाले में भी सह-आरोपी हैं। इसके अलावा उन पर ए राजा के साथ मिलकर संदिग्ध कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। कनिमोझी पर संदिग्ध जमीन सौदों में भी बड़े व्यावसायिक घरानों से बड़ी रकम लेने के आरोप हैं।
जेठमलानी ने कहा, हाई कोर्ट में कर सकते हैं अपील
कनिमोझी के वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने फैसला पढ़ा नहीं है। हालांकि उनके बेटे महेश जेठमलानी ने कहा कि उन्हें इस फैसले की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि कनिमोझी को पहले क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया।
बीजेपी ने कहा, बाकी जांच भी अदालत की निगरानी में हों
कनिमोझी को जेल भेजने के बाद बीजेपी ने मांग की है कि कॉमनवेल्थ घोटाले सहित देश में हुए बड़े घोटालों की जांच कोर्ट की निगरानी में होना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब तक सरकार की निगरानी में जांच होगी, दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूजी घोटाले में भी शुंगलू कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कई व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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http://www.bhaskar.com/article/NAT-decision-on-kanimojhi-bail-petition-today-2120037.html?HT1=
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